Happy Rakshabandhan!!
क्या दिन था वो जब धरती पर उतरी एक नन्ही सी परी
थी तो छोटी सी, थोड़ा सा सेहम भी जाती पर किसी से ना डरी
शैतानियां थी कूट कूट कर भरी
बेहेन के रूप में घर में जन्मी थी एक परी !!
चलते फिरते जादू कर जाती
खामोश दुनिया को हंसना खेलना सिखाती
हर बार नयी नौटंकी का खज़ाना भर आती
इसीलिए तो बेहेन घर की लक्ष्मी कहलाती !!
छोटी छोटी बात पर नाराज़ हो जाती
थोड़ा सा भाव खाती पर मान ही जाती
गुस्से में लाल टमाटर तो ख़ुशी में पुष्प के पंखुड़ियों सी खिल जाती
इसीलिए तो बहनें शहज़ादी भी कहलाती !!
गुस्सा करे तो पापा सी होजाती
रूठ जाये तो किसी कोने में बैठ शांत हो जाती
प्रेम करे तो माँ की ममता याद आती
इसीलिए तो बहनें परियों सी कहलाती !!
उम्र में छोटी पर बातें बड़ी बड़ी
कुछ क्षण दूर होजाये तो याद आये हर घडी
जब कुछ ठीक न हो तो बड़े प्यार से सहलाती
इसीलिए तो बहनें प्यारी सी राजकुमारी भी कहलाती !!
बेहेन कोई पराया धन नहीं जो आज है और कल नहीं
खोटी तो सोच उन मनुष्यों की है जो सोचते है यही
क्यों की अगर ऐसा होता तो बहनों के साथ रिश्ता कभी ना होता सही
इसीलिए तो बहनें घडी की हर नोक पर याद आती !!
सच कहता हूँ यारों भाई बेहेन जैसा रिश्ता ना होगा कहीं
दूर होते हुए भी पास होने का एहसास दिलाकर सब कर देता सही
होता तो रंग बिरंगा धागा है, जिसने कई रिश्तों को खुशियों से बाँधा है
इसीलिए तो ये भाई बेहेन वाला रिश्ता रक्षा का बंधन कहलाया है!!
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