एक एहसास लाया यादों की बौछार
ना जाने वो क्या एहसास था । अंजाना होते हुए भी कुछ ख़ास था ।। खो गए हम उन एहसासों की महफ़िल में । जब जगह ढूंढ रहे थे वह हमारे दिल में ।। भरा पड़ा था मोहल्ला दिल की महफ़िल में । आ गए आसुँ हमारी आँखों से उनके बारे में जान के ।। घुस पड़े उस भरे मोहल्ले में लेकर नन्ही से आशा । के मिल जाए जगह बराबर एक बताशा ।। आशा की प्यास तोह बुजनी ही थी । दिल में थोड़ी सी जगह तोह मिलनी ही थी ।। मिल गया एक छोटा सा ...